Saturday, August 6, 2011

मेरे यारों को सलाम लिखूं ..... Happy Friendship Day

कभी मुहब्बत लिखता हूँ, कभी तकल्लुफ लिखता हूँ
                        पर जरुरी तो नहीं हर मर्तबा यही चर्चा एक आम लिखूं
कभी शिकायत लिखता हूँ, कभी नजाकत लिखता हूँ
                        आज दस्तूर है तो क्यूँ न दोस्तों के लिए इक कलाम लिखूं

झगडे भी लिखूं, लिखूं दिल से जुड़ा हर इक किस्सा भी
                          हर जिद, हर वो शर्त जो थी उनके बनाम, लिखूं
हर दर्द लिखूं, हर वक़्त मेरे साथ खड़ी वो परछाई भी
                          उन हाथों की छाँव में बेचैन रूह को मिला हर आराम लिखूं

हर ख़ुशी, हर जीत लिखूं, संग संग तोड़ी हर रीत लिखूं
                           वो पगली सी मौज, हँसते मुस्कुराते गुजरी हर शाम लिखूं
साथ गाये बेसुरे गीत, रात भर बजता वो संगीत लिखूं
                           रेत पे लिखा फिर भी हर तूफ़ान में मुस्कुराता वो नाम लिखूं

ये दूरियां लिखूं, उसके साथ न होने की मजबूरियाँ लिखूं
                           या मेरी हर तन्हा महफ़िल में खाली रखा वो जाम लिखूं
जिस पल मिला था अ दोस्त तू मुझे, उस लम्हे को सौ सलाम लिखूं
                           पर ये तो बताओ, किया अलग हमें जिसने, उस खुदा पे क्या इल्ज़ाम लिखूं

मित्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं...............

7 comments:

  1. thanks dude for give words to our friendship....

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  2. happy friendships day to you and all :)

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  3. bahut khub..
    ae dost teri dosti tere pyaar ko salaam :)

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  4. yara... ji khush kar diya :) bhai logo, ye tumhare liye....

    "Tune pucha h justju kya h,
    dil hi jaane k aarzu kya hai
    tere hone se mera hona hai,
    mai nahi janta k tu kya hai"

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