Saturday, December 10, 2011

सिवा उसके.....


इन अनगिनत तारों की चमक में हम सो नही पाते....
उसकी आँखों के सिवा किसी ख्वाब में खो नही पाते....

चाहे जितनी अँधेरी रात लेके ये चाँद रुलाने आ जाये....
उसके दामन के सिवा कहीं सर रख के हम रो नही पाते ..

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