Sunday, March 25, 2012

मैंने चाँद चमकता देखा है............

तेरे अक्स की किताबों में एक रूहानी नज्म पढ़ी है हमने,  
तेरी आँखों के आईने में, खुदा का नूर झलकता देखा है

तेरी धड़कन की आवाज़ में, सूफियाना साज सुने हैं हमने,
तेरी मुस्कान की भनक भर से, हर फूल महकता देखा है

तेरी नाजुक सी कलाई में, खनकते इन्द्रधनुष देखें हमने, 
तेरी जुल्फों की अंगडाई से, बादल को थिरकता देखा है

मधु भरे तेरे अधरों में, मादकता भरी अदा देखी हमने,
तेरे आँचल के लहराने से, मौसम को मचलता देखा है 

तेरे क़दमों की आहट पे, दिल को पागल पाया हमने,
बिन चिंगारी, आग बिना, एक अरमान सुलगता देखा है 

तेरी तस्वीर लगा के एक, संसार बनाया है हमने,
उसकी ज़मीं पे हर पल, मैंने अपना चाँद चमकता देखा है,,,
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