Saturday, June 4, 2011

तलाश

मोहब्बत हुस्न वालों से हमें रोज़ हुआ करती हैं.....
पर कमबख्त ये इंतज़ार खत्म होता नज़र नहीं आता.....
या तो निगाहें नज़रंदाज़ कर रही हैं किसी के ख़ास अंदाज़ को...
या फिर इन्हें ये नहीं पता की हमें तलाश किसकी है... 

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