आशिक की नशीली नज़रों के प्यालों में सजा, उसके कमसिन होठों का शरारती शबाब हूँ
माशूक की यौवन बगिया में लहराता, मचलता, अल्हड अदाओं का नाजुक सा गुलाब हूँ
मैं शराब हूँ....
मयखानों के फर्श पर गिर के टूटे हुए जाम-ए-दिल का, इक बिखरा बेजान सा ख्वाब हूँ
मयखानों के फर्श पर गिर के टूटे हुए जाम-ए-दिल का, इक बिखरा बेजान सा ख्वाब हूँ
जीवन के अँधेरे रास्तों में बिछे हैं बेदर्द सवाल जितने, उनका सीधा और सरल जवाब हूँ
मैं शराब हूँ....
गुमनाम ख्वाहिशों और अधूरी हसरतों के कोरे पन्नो को,अपने दामन में समेटे एक किताब हूँ
चुभन का, हर जख्म की जलन का, हर पल मरते जीवन का, सहेज के रखा हुआ हिसाब हूँ
गुमनाम ख्वाहिशों और अधूरी हसरतों के कोरे पन्नो को,अपने दामन में समेटे एक किताब हूँ
चुभन का, हर जख्म की जलन का, हर पल मरते जीवन का, सहेज के रखा हुआ हिसाब हूँ
मैं शराब हूँ....
तन्हा शामियानों में ढली हर शाम, उस खाली रखे जाम को देख, तेरे साथ जला जो वो चिराग हूँ ...
तन्हा शामियानों में ढली हर शाम, उस खाली रखे जाम को देख, तेरे साथ जला जो वो चिराग हूँ ...
तेरी भीगी पलकों और दबी सिसकियो को ज़माने से छुपाया जिसने आज तलक, मैं वही नकाब हूँ...
मैं शराब हूँ....
नजराना हूँ मेरे कुछ खादिमों के वास्ते, रात भर तड़पती, बेचैन रूहों के लिए सुकून भरा महताब हूँ ....
नजराना हूँ मेरे कुछ खादिमों के वास्ते, रात भर तड़पती, बेचैन रूहों के लिए सुकून भरा महताब हूँ ....
तेरे लबों की हसीं हसरत हूँ, फीकी अदाओं और कम खुबसूरत बलाओं की नफरत हूँ पर लत लाजवाब हूँ .....
मैं शराब हूँ