My poems are just my feelings ...... sometimes true......sometimes they are just imaginary......
Meri likhi kavitayein... Kuch vaastvik bhavnao ka darpan h...kuch bas "kalpana" se bhari...
Pesh-e-khidmat h chand Alfaz.....Umeed h aapko pasand aayegi yeh "Gazalein" meri...
Tuesday, February 7, 2012
एक गुलाब.....मेरे गुलाब के लिए....
इक नज़राना-ए-इश्क पेश करता हूँ, इस हुस्न बेहिसाब के लिए...
ये दिल-ए-नादान पेश करता हूँ, आप मोहतर्मा के नकाब के लिए...
जाम-ए-नज़र पेश करता हूँ, इन नूरानी नज़रों की शराब के लिए...
एक सुर्ख गुलाब-ए-मोहब्बत पेश करता हूँ, मेरे शोख गुलाब के लिए...
happy rose day ravi ;) :)
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