बैठे हुए यु ही अचानक कही जाने को उठ खड़ा होता हूँ ...
अपनों के साथ गुजरते लम्हों में से कुछ पल चुराकर .....
बस तुझे याद करने का जी करता है ...
हंसी ठिठोली करते हुए कुछ देर यूं ही चुप हो जाता हूँ ...
तुझ संग अकेले बतियाने का जी करता है ....
होश में रहने में अब मज़ा कहाँ - तुझ में ही खोया रहता हूँ ...
तेरे इंतज़ार में पलके बिछाने का जी करता है ....
तेरी और बढाता हु हर कदम और यूं ही चलते जाना है मुझे ....
जीना है मुझे, पर क्या करूँ...तेरी हर अदा पे मरने का जी करता है .....
awesome yaar... fantastic... really like it a lot... 10 on 10...
ReplyDeletethank you :)
ReplyDeleteजी करता है.... bahut badhiya hai ek ek line gajal ke liye hi banee hai
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