देखा नहीं जिन आँखों ने ....मुझे उन चार सालों में...
आया न होगा चेहरा मेरा.....कभी जिनके ख्यालों में....
मर गये उनकी गली में एक दिन...सोचा वो जानेंगी इसी बहाने से...
यहाँ उठ गया जनाज़ा मेरा...उन्हें फुर्सत न मिली मेहँदी लगाने से...
आया न होगा चेहरा मेरा.....कभी जिनके ख्यालों में....
मर गये उनकी गली में एक दिन...सोचा वो जानेंगी इसी बहाने से...
यहाँ उठ गया जनाज़ा मेरा...उन्हें फुर्सत न मिली मेहँदी लगाने से...
No comments:
Post a Comment