Friday, July 29, 2011

क्यों खफा हैं वो ....

तकल्लुफ तो उन्हें उस आवारा चाँद से होनी चाहिए

जो रात भर खिड़की से झांकता है छुप छप के उनका नूर चुराने को 

पर जाने क्यूँ वो खफा हैं हमारा उनकी गलियों से याराना जानकर

हमने तो फिर भी सरे बाज़ार सर उठा के नज़रें मिलाने की जुर्रत ही की है 

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