अपनी अहमियत जतलाने को तो हर शख्स यहाँ है बेक़रार
इंसानियत का पकड़ने को दामन, लेकिन कोई नहीं तैयार
टूट के बिखरने की चाहत नही, बस फूलों सा महकने की ख्वाहिश है
अक्स पसंद नही कोयल सा, बस उस सी मीठी बोली सबकी फरमाइश है
पंख सबको चहिये, पर गवारा नही बेजुबान परिंदा होना
खूबसूरती चाँद सी मांगें, पर मंजूर नही तन्हाई में रोना
राहें उजली चहिये पर कोई चौखट पे दिया अपना रखना नही चाहता
जुगनू बन खुद रोशन हैं, औरों के लिए शमा बनके कोई जलना नही चाहता
It is like everybody wants to go to heaven but nobody wants to die...
ReplyDeletebahut khoob likha hai!!
ReplyDelete@ chitranshi : thnx :)
ReplyDelete@yj : :)